प्रधानमंत्री मुद्रा योजना
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना: मुद्रा बैंक से आप 50 बजार तक का लोन आसानी से ले सकते है। बिजनेस लोन के लिए सिंपल प्रोसेस का फ्रेमवर्क तैयार किया है। वित्त मंत्रालय की मुद्रा बैंक के जरिए चालू वित्त वर्ष में कुल एक लाख करोड़ रुपए का लोन देने की योजना है। इसके लिए सरकार सितंबर से कैंप लगाने की भी तैयारी में है। इसके जरिए सरकार का 20-25 लाख छोटे कारोबारियों को लोन देने का प्लान है। मुद्रा बैंक के काम करने का पूरा रोडमैप तैयार कर लिया गया है। लोन देने का काम फाइनेंस कंपनियों, माइक्रोफाइनेंस संस्थानों, ट्रस्ट, सोसायटी, एसोसिएशन आदि के जरिए दिया जाएगा। साथ ही कारोबारियों को मौजूदा इंटरेस्ट रेट की तुलना में सस्ता लोन दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के महत्वपूर्ण बिंदु:
* सिंपल वैरिफिकेशन पर एक सिंगल पेज फार्म भरकर मिलेगा लोन
* कारोबारी को प्रोसेसिंग फीस से लेकर किसी भी तरह का कोलैट्रल नहीं देने की छूट
* आवेदक को केवल अपना एड्रेस प्रूफ, आईडी प्रूफ और सिंपल बिजनेस प्रपोजल देना होगा
* लोन का पीरियड भी पांच साल का होगा
* इस साल 20-25 लाख छोटे कारोबारियों को लोन देने की योजना
* ऐसे कस्टमर को लोन नहीं दिया जाएगा, जो कि पहले से ही डिफॉल्टर कैटेगरी में आते हैं।
* इस तरह के लोन को शिशु कैटेगरी में रखा जाएगा।
* फार्म में नहीं देनी होगी आईटी रिटर्न की जानकारी
* आवेदक को केवल अपने लोन पर्पज की जानकारी फार्म के साथ देनी होगी
* असंगठित क्षेत्र के तहत काम करने वाले कारोबारियों को लोन लेना होगा आसान
‘सबके लिए घर’ (शहरी) परियोजना
‘सबके लिए घर’ (शहरी) परियोजना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 जून 2015 को शहरी भारत की तस्वीर बदलने के लिए ‘सबके लिए घर’ (शहरी) परियोजना एवं अन्य दो परियोजनाओं की शुरुआत की। ये तीनों ही योजनाएं देश के शहरों से जुड़ी हुई हैं। इनमें 100 स्मार्ट सिटी बनाने, 500 शहरों के लिए अटल शहरी पुनर्जीवन और परिवर्तन मिशन और 2022 तक शहरी इलाकों में सभी के लिए घर बनाने की योजना शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि हर एक बेघर परिवार को आवास की सुविधा उपलब्ध कराना सरकार का दायित्व है और इस जरूरत को पूरा करने के लिए आने वाले वर्षों में शहरों में दो करोड़ आवास बनाये जाएंगे। मोदी ने शहरी विकास मंत्रालय के स्मार्ट सिटी, अटल शहरी विकास परियोजना तथा 2022 तक सबके लिए आवास योजना की शुरुआत करते हुए कहा कि हर परिवार अपने मकान का सपना देखता है और इसके पूरा होते ही उसके जीवन में बदलाव शुरू हो जाता है। उन्होंने कहा कि सरकार की कोशिश लोगों को केवल मकान देना नहीं है, बल्कि बेघर लोगों के जीवन में उमंग भरने का प्रयास है।
General Knowledge Question Answer
‘स्मार्ट शहर मिशन’ परियोजना | Smart City Scheme
‘स्मार्ट शहर मिशन’ परियोजना (Smart City Scheme): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 जून 2015 को शहरी भारत की तस्वीर बदलने के लिए ‘स्मार्ट शहर मिशन’ परियोजना (Smart City Scheme) एवं अन्य दो परियोजनाओं की शुरुआत की। ये तीनों ही योजनाएं देश के शहरों से जुड़ी हुई हैं। इनमें 100 स्मार्ट सिटी बनाने, 500 शहरों के लिए अटल शहरी पुनर्जीवन और परिवर्तन मिशन और 2022 तक शहरी इलाकों में सभी के लिए घर बनाने की योजना शामिल हैं। नरेंद्र मोदी ने कहा स्मार्ट सिटी बनाने का निर्णय लोगों और स्थानीय प्रशासन का हो न कि सरकार का। प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत में पहली बार यह चुनौती सामने आई है जिसमें शहरी भारत के नागरिक अपने सपनों के शहर को विकसित करने में योगदान दे सकते हैं। आवश्यक मानकों को पूरा करने की स्पर्धा में सफल शहरों को स्मार्ट शहर बनाया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्पर्धी व्यवस्था से ऊपर-नीचे की सोच खत्म होगी और जन केंद्रित शहरी विकास हो सकेगा।
सौ स्मार्ट शहर विकसित करने की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए स्मार्ट शहर मिशन के अंतर्गत दो चरणों की प्रतिस्पर्धा के जरिये केवल सक्षम शहरों को चुना जाएगा। यह संकेत प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा स्मार्ट शहर मिशन के लिए आज जारी संचालन दिशा निर्देशों में दिया गया है। प्रतिस्पर्धा के दोनों चरणों में चयन के मानदंड इस्तेमाल किए जाएंगे। शहर चुनौती प्रतिस्पर्धा के चरण-1 में, प्रत्येक राज्य और संघ शासित प्रदेश कुछ मानदंडों के आधार पर अपने सभी शहरों का स्कोर लेंगे और प्रतिस्पर्धा के चरण-2 में भाग लेने के लिए संभावित स्मार्ट शहरों की दी गई संख्या के अनुसार सबसे ज्यादा स्कोर करने वाले को मनोनीत करेंगे। राज्य/संघ शासित प्रदेश के अंतर्गत चरण-1 के लिए मूल्यांकन मानदंड नीचे दिए गए हैं:
1. वर्तमान सेवा स्तर (25 अंक) : इसमें 2011 की जनगणना के सेवा स्तरों में वृद्धि, एक संचालनात्मक ऑनलाइन शिकायत निवारण प्रणाली, कम से कम पहले मासिक ई-सूचनापत्र का प्रकाशन और पिछले दो वित्तीय वर्षों के लिए वेबसाइट पर नगर निगम के बजट खर्च के ब्योरे का प्रकाशन शामिल है।
2. संस्थागत प्रणाली और क्षमता (15 अंक) : इसमें सेवाएं देने में देरी के लिए जुर्माना लागू करना और पिछले तीन वर्षों में आंतरिक संसाधन जुटाने के लिए किए गए सुधार शामिल हैं।
3. स्व–वित्त (30 अंक): शहरी स्थानीय निकायों द्वारा आखिरी महीने तक वेतन का भुगतान, वित्त वर्ष 2012-13 तक खातों का लेखा परीक्षण, 2014-15 के बजट में आंतरिक आय का योगदान और 2014-15 के दौरान प्रतिष्ठान का प्रतिशत और उपयोगकर्ता शुल्क के जरिए पूरा होने वाली जल आपूर्ति के रखरखाव लागत में यह प्रतिबिंबित होगा।
4. पिछला कार्य-निष्पादन रिकॉर्ड (30 अंक): जेएनएनयूआरएम की जिन परियोजनाओं को 2012 तक मंजूर किया गया उनके पूरा होने का प्रतिशत, जेएनएनयूआरएम के अंतर्गत हासिल शहरी स्तर के सुधारों का प्रतिशत और आंतरिक संसाधनों से पूरे किए गए पूंजीगत खर्च की सीमा।
सौ स्मार्ट शहर विकसित करने की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए स्मार्ट शहर मिशन के अंतर्गत दो चरणों की प्रतिस्पर्धा के जरिये केवल सक्षम शहरों को चुना जाएगा। यह संकेत प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा स्मार्ट शहर मिशन के लिए आज जारी संचालन दिशा निर्देशों में दिया गया है। प्रतिस्पर्धा के दोनों चरणों में चयन के मानदंड इस्तेमाल किए जाएंगे। शहर चुनौती प्रतिस्पर्धा के चरण-1 में, प्रत्येक राज्य और संघ शासित प्रदेश कुछ मानदंडों के आधार पर अपने सभी शहरों का स्कोर लेंगे और प्रतिस्पर्धा के चरण-2 में भाग लेने के लिए संभावित स्मार्ट शहरों की दी गई संख्या के अनुसार सबसे ज्यादा स्कोर करने वाले को मनोनीत करेंगे। राज्य/संघ शासित प्रदेश के अंतर्गत चरण-1 के लिए मूल्यांकन मानदंड नीचे दिए गए हैं:
1. वर्तमान सेवा स्तर (25 अंक) : इसमें 2011 की जनगणना के सेवा स्तरों में वृद्धि, एक संचालनात्मक ऑनलाइन शिकायत निवारण प्रणाली, कम से कम पहले मासिक ई-सूचनापत्र का प्रकाशन और पिछले दो वित्तीय वर्षों के लिए वेबसाइट पर नगर निगम के बजट खर्च के ब्योरे का प्रकाशन शामिल है।
2. संस्थागत प्रणाली और क्षमता (15 अंक) : इसमें सेवाएं देने में देरी के लिए जुर्माना लागू करना और पिछले तीन वर्षों में आंतरिक संसाधन जुटाने के लिए किए गए सुधार शामिल हैं।
3. स्व–वित्त (30 अंक): शहरी स्थानीय निकायों द्वारा आखिरी महीने तक वेतन का भुगतान, वित्त वर्ष 2012-13 तक खातों का लेखा परीक्षण, 2014-15 के बजट में आंतरिक आय का योगदान और 2014-15 के दौरान प्रतिष्ठान का प्रतिशत और उपयोगकर्ता शुल्क के जरिए पूरा होने वाली जल आपूर्ति के रखरखाव लागत में यह प्रतिबिंबित होगा।
4. पिछला कार्य-निष्पादन रिकॉर्ड (30 अंक): जेएनएनयूआरएम की जिन परियोजनाओं को 2012 तक मंजूर किया गया उनके पूरा होने का प्रतिशत, जेएनएनयूआरएम के अंतर्गत हासिल शहरी स्तर के सुधारों का प्रतिशत और आंतरिक संसाधनों से पूरे किए गए पूंजीगत खर्च की सीमा।
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना: प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के अंतर्गत दुर्घटना में मृत्यु और पूर्ण विकलांगता की स्थिति में 2,00,000 रुपये और आंशिक विकलांगता की स्थिति में 1,00,000 रुपये के बीमा लाभ का प्रावधान किया गया है। यह योजना 18 से 70 वर्ष की आयु समूह के उन लोगों के लिए उपलब्ध होगी जिनका कोई बैंक खाता होगा जिसमें से ‘‘स्वतः डेबिट’’ सुविधा के जरिए प्रीमियम वसूल किया जाएगा। 5 वर्ष की अवधि में एपीवाई के अंशदाताओं के लिए सरकारी अंशदान के रूप में 2520 करोड़ रुपये लेकर 10,000 करोड़ रुपये तक की लागत आने की संभावना है।
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना: प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के अंतर्गत अंशदाताओं को 330 रुपये वार्षिक प्रीमियम का भुगतान करने पर 2,00,000 रुपये के जीवन बीमा का लाभ मिलेगा। पीएमजेजेबीवाई 18 से 50 वर्ष की आयु समूह के उन लोगों के लिए उपलब्ध होगी, जिनका कोई बैंक खाता होगा जिसमें से ‘‘स्वतः डेबिट’’ सुविधा के जरिए प्रीमियम वसूल किया जाएगा। प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना को प्रति वर्ष 31 मई से पहले रिन्यू करवाना होगा जिसके लिए प्रीमियम शुल्क 330 रुपये प्रति वर्ष तय किया गया हैं |प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना का लाभ 18 से 50 वर्ष तक की आयु वाला बैंक खाता धारक उठा सकता हैं|योजना धारक के नाम से शुरू की जाएगी जिसमे वह अपना उत्तराधिकारी का नाम देगा | इसके लिए आधार कार्ड नंबर होना आवश्यक हैं | योजना में शामिल होने के लिए एक स्व प्रमाणित स्वस्थ प्रमाणपत्र होना आवश्यक हैं
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (Pradhan Mantri Jeevan Jyoti Bima Yojana) का हिस्सा बनने के लिए खाता धारक को अपने आधार कार्ड को बैंक से जोड़ना होगा | इसके बाद प्रति वर्ष 31 मई तक फॉर्म भरकर बैंक में देना होगा | जिसके बाद प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (Pradhan Mantri Jeevan Jyoti Bima Yojana) का लाभ उठा सकता हैं | प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PM Jeevan Jyoti Bima Yojana) से जुड़ने के लिए फॉर्म बैंक अथवा बीमा कंपनी से प्राप्त किया जा सकता हैं अगर ऑनलाइन फॉर्म चाहिये तब नीचे दी गई लिंक से फॉर्म प्राप्त करे:|
अटल पेंशन योजना
अटल पेंशन योजना: अटल पेंशन योजना के अंतर्गत अंशदाताओं को 60 वर्ष की आयु पूरी होने पर 1000 रुपये से लेकर 5000 रुपये तक प्रतिमाह पेंशन मिलेगी, जो उनके अंशदान पर निर्भर करेगी। यह अंशदान किसी व्यक्ति के योजना में शामिल होने के समय उसकी आयु के अनुसार निर्धारित किया जाएगा। केंद्र सरकार पात्र अंशदाता के खाते में हर वर्ष कुल अंशदान का आधा हिस्सा अथवा 1000 रुपये, इनमें जो भी कम हो, जमा कराएगी। यह अंशदान 31 दिसम्बर, 2015 से पहले नई पेंशन योजना (एनपीएस) में शामिल होने वाले अंशदाताओं के खाते में 5 वर्ष अर्थात 2015-16 से 2019-20 तक जमा कराया जाएगा। किसी भी वैधानिक सामाजिक सुरक्षा योजना के सदस्य और आयकरदाता इस योजना के लाभार्थी नहीं बन सकेंगे। अंशदाता की मृत्यु होने की स्थिति में उसकी पत्नी/पति को पेंशन मिल सकेगी और उसके बाद पेंशन निधि नामित व्यक्ति को लौटा दी जाएगी। अटल पेंशन योजना में शामिल होने के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष और अधिकतम आयु 40 वर्ष होगी। सरकार न्यूनतम नियत पेंशन लाभ की गारंटी प्रदान करेगी। इस योजना के तहत सर्वाधिक अहम बात यह है कि इसमें सरकार की ओर से प्रथम पांच वर्षों तक हर साल 1000 रुपये अथवा कुल अंशदान के 50 फीसदी, इसमें से जो भी कम हो, का सह-योगदान किया जाएगा। सरकार की ओर से यह योगदान तभी किया जाएगा जब कोई व्यक्ति इस योजना को इस साल की समाप्ति से पहले यानी 31 दिसंबर, 2015 तक खरीदेगा।
मोदी ने शुरू की “मेक इन इंडिया” मुहिम
पीएम नरेंद्र मोदी ने गुरूवार को विज्ञान भवन में “मेक इन इंडिया” अभियान की शुरूआत की। उन्होंने कहा कि “मेक इन इंडिया” एक शेर का कदम है। एक लायन का स्टेप है- “मेक इन इंडिया”। मुहिम की शुरुआत वेबसाइट www.makeinindia.com की लॉन्चिंग के साथ हुई। कार्यक्रम की शुरुआत में देश-दुनिया के कई उद्योगपतियों ने इस मुहिम पर अपने विचार रखे। इस मौके पर बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत से उद्योगपतियों के दूसरे देशों में जाने पर चिंता व्यक्त की, उन्होंने कहा कि देशवासियों पर भरोसा करना बहुत जरूरी है। उन्होंने एफडीआई को फर्स्ट डेवलप इंडिया की संज्ञा देते हुए कहा कि यह देश के हर नागरिक की जिम्मेदारी है।
डिजिटल इंडिया कार्यक्रम
डिजिटल इंडिया कार्यक्रम: प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में डिजिटल इंडिया के लिए मंजूरी दी गई। डिजिटल इंडिया कार्यक्रम भारत को डिजिटल सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलने के लिए है। यह कार्यक्रम इलेक्ट्रोनिक्स और प्रौद्योगिकी विभाग की परिकल्पना है। डिजिटल इंडिया के विजन का उद्देश्य देश को डिजिटल सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में रूपांतरित करना है। यह कार्यक्रम चालू वर्ष से 2018 तक चरणबद्ध ढंग से लागू किया जाएगा। डिजिटल इंडिया की प्रकृति रूपांतरकारी है तथा इससे सुनिश्चित होगा कि सरकारी सेवाएं नागरिकों को इलेक्ट्रानिक रूप से उपलब्ध हों। यह सरकार की सेवाओं को इलेक्ट्रानिक रूप से प्रदान करने के जरिए सार्वजनिक जवाबदेही बढ़ाएगा। फिलहाल अधिकतर ई-गवर्नेन्स परियोजनाओं के लिए आर्थिक सहायता केंद्र या राज्य सरकारों में संबंधित मंत्रालयों/विभागों के बजटीय प्रावधानों के जरिए होती है। डिजिटल इंडिया के लिए अलग-अलग परियोजनाओं के लिए फंड की जरूरत का अनुमान संबंधित नोडल मंत्रालय/विभाग लगाएंगे।
डिजिटल इंडिया के विजन क्षेत्र:
1. प्रत्येक नागरिक के लिए सुविधा के रूप में बुनियादी ढांचा
– मुख्य सुविधा के रूप में हाई स्पीड इंटरनेट सभी ग्राम पंचायतों में उपलब्ध कराया जाएगा।
– अनोखी, आजीवन, ऑनलाइन और प्रमाणन योग्य डिजिटल पहचान
– मोबाइल फोन और बैंक एकाउंट व्यक्तिगत स्तर पर डिजिटल और वित्तीय रूप में भागीदारी में समर्थ बनाएंगे।
– स्थानीय स्तर पर सामान्य सेवा केंद्र तक आसान पहुंच
– पब्लिक क्लाउड में साझा करने योग्य निजी स्थान
– देश में सुरक्षित साइबर स्पेस
डिजिटल इंडिया के विजन क्षेत्र:
1. प्रत्येक नागरिक के लिए सुविधा के रूप में बुनियादी ढांचा
– मुख्य सुविधा के रूप में हाई स्पीड इंटरनेट सभी ग्राम पंचायतों में उपलब्ध कराया जाएगा।
– अनोखी, आजीवन, ऑनलाइन और प्रमाणन योग्य डिजिटल पहचान
– मोबाइल फोन और बैंक एकाउंट व्यक्तिगत स्तर पर डिजिटल और वित्तीय रूप में भागीदारी में समर्थ बनाएंगे।
– स्थानीय स्तर पर सामान्य सेवा केंद्र तक आसान पहुंच
– पब्लिक क्लाउड में साझा करने योग्य निजी स्थान
– देश में सुरक्षित साइबर स्पेस
2. गवर्नेन्स और मांग पर सेवाएं:
– सभी लोगों को आसान एवं सिंगल विंडो एक्सेस उपलब्ध कराने के लिए विभागों या अधिकार क्षेत्रों तक निर्बाध समेकन
– ऑनलाइन और मोबाइल प्लेटफार्म से रीयल टाइम में सरकारी सेवाएं उपलब्ध
– सुगम एक्सेस सुनिश्चित करने के लिए सभी नागरिकों को क्लाउड पर उपलब्ध कराने का हक
– इलेक्ट्रानिक और कैशलेस वित्तीय लेनदेन
– सभी लोगों को आसान एवं सिंगल विंडो एक्सेस उपलब्ध कराने के लिए विभागों या अधिकार क्षेत्रों तक निर्बाध समेकन
– ऑनलाइन और मोबाइल प्लेटफार्म से रीयल टाइम में सरकारी सेवाएं उपलब्ध
– सुगम एक्सेस सुनिश्चित करने के लिए सभी नागरिकों को क्लाउड पर उपलब्ध कराने का हक
– इलेक्ट्रानिक और कैशलेस वित्तीय लेनदेन
3. डिजिटल सशक्त नागरिक:
– सबको डिजिटल साक्षर बनाना
– सभी डिजिटल संसाधन सबको सुगम-सुलभ कराना
– सभी सरकारी कागजात/प्रमाणपत्र क्लाउड पर उपलब्ध कराए जाएंगे
– भारतीय भाषाओं में डिजिटल संसाधन/सेवाओं की उपलब्धता
– सबको डिजिटल साक्षर बनाना
– सभी डिजिटल संसाधन सबको सुगम-सुलभ कराना
– सभी सरकारी कागजात/प्रमाणपत्र क्लाउड पर उपलब्ध कराए जाएंगे
– भारतीय भाषाओं में डिजिटल संसाधन/सेवाओं की उपलब्धता
डिजिटल इंडिया का कार्यक्षेत्र
– भारत को ज्ञान भविष्य के लिए तैयार करना
– बदलाव के लिए प्रौद्योगिकी को केंद्रीय स्तर पर रखना
– भारत को ज्ञान भविष्य के लिए तैयार करना
– बदलाव के लिए प्रौद्योगिकी को केंद्रीय स्तर पर रखना
डिजिटल इंडिया का उद्देश्य वृद्धि के नौ प्रमुख स्तंभों पर आवश्यक ध्यान देना है -
1. ब्राडबैंड हाइवेज
2. मोबाइल कनेक्टिविटी सबको सुगम-सुलभ कराना
3. पब्लिक इंटरनेट एक्सेस प्रोग्राम
4. ई-गवर्नेन्स: प्रौद्योगिकी के जरिए सरकार को सुधारना
5. ई-क्रांति – सेवाओं की इलेक्ट्रानिक डिलीवरी
6. सबके लिए जानकारी
7. इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण
8. रोजगारों के लिए सूचना प्रौद्योगिकी
9. अर्ली हार्वेस्ट प्रोग्राम्स
1. ब्राडबैंड हाइवेज
2. मोबाइल कनेक्टिविटी सबको सुगम-सुलभ कराना
3. पब्लिक इंटरनेट एक्सेस प्रोग्राम
4. ई-गवर्नेन्स: प्रौद्योगिकी के जरिए सरकार को सुधारना
5. ई-क्रांति – सेवाओं की इलेक्ट्रानिक डिलीवरी
6. सबके लिए जानकारी
7. इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण
8. रोजगारों के लिए सूचना प्रौद्योगिकी
9. अर्ली हार्वेस्ट प्रोग्राम्स
प्रधानमंत्री जन धन योजना
प्रधानमंत्री जन धन योजना 2014: प्रधानमंत्री जन धन योजना 2014: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री जन धन योजना, 2014 की घोषणा की थी एवं 28 अगस्त 2014 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने विज्ञानं भवन, नई दिल्ली से विधीवत शुरुआत की गई। प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत गरीबों के बैंक खाते खुलेंगे एवं रुपे (RuPay) डेबिट कार्ड दिया जाएगा। एक लाख रुपए का बीमा होगा | सरकार देश के प्रत्येक परिवार को बैंकिंग सेवाओं के दायरे में लाना चाहती है। सरकार का मानना है कि बैंकिंग सेवाओं से जुड़ने पर लोगों में बचत की भावना बढेगी और वे अधिक बचत कर राष्ट्र निर्माण में भागीदार होंगे। उन्होंने कहा कि अभी मात्र 58 प्रतिशत आबादी के पास ही बैंक खाते हैं। पूरे देश में बैंकिंग सेवाओं की पहुंच होने पर बचत में वृद्धि होगी और विकास के लिए अधिक धनराशि मिल पायेगी। इसके तहत खुलने वाले खातों पर बैंकिंग सुविधाों के साथ ही माइक्रो बीमा ओवरड्राफट सुविधा के साथ बेसिक बैंकिंग खाते और एक लाख रूपये के दुर्घटना बीमा कवर के साथ ही रूपये डेबिट कार्ड दिया जायेगा। प्रधानमंत्री जन धन योजना को सफल बनाने के लिए सरकार ने इसके तहत दिया जाने वाला बीमा कवर बढ़ाकर दो लाख रुपए करने का फैसला किया है. बशर्ते बैंक खाता योजना शुरू होने के पहले 100 दिन में खुलवाया जाता है. प्रधानमंत्री ने सभी बैंक अधिकारियों को तकरीबन 7.25 लाख ई-मेल भेजे थे. यह योजना वित्तीय समावेश पर एक राष्ट्रीय मिशन है, जिसका उद्देश्य देश में सभी परिवारों को बैंकिंग सुविधाएं मुहैया कराना और हर परिवार का एक बैंक खाता खोलना है.
प्रधानमंत्री जन धन योजना योजना की मुख्य बातें –
– हर परिवार में कम से कम दो खाते खुलवाएं जाने की योजना है। यानी कुल 15 करोड़ खाते खोले जाने हैं।
– इस योजना के तहत खाता खुलवाने पर व्यक्ति को 1 लाख रूपए की दुर्घटना बीमा मिलेगी।
– खाता खुलवाने के साथ ही ग्राहक को “रूपे” डेबिट कार्ड की भी सुविधा दी जाएगी।
– इस योजना के तहत आधार कार्ड से खुले खातों में 6 महीने बाद ग्राहक आवदेन देने पर जमा राशि से 5000 रूपए की अधिक राशि निकाल सकेगा।
– इस योजना का पहला चरण अगस्त 2014 में खत्म होगा।
– इस योजना का दूसरा चरण 2015 से 2018 तक चलेगा। उसमें पेंशन योजना “स्वालंबन” की भी सुविधा दी जाएगी।
– इसके पहले चरण में बैंक सात हजार से अधिक शाखाएं खोलेंगे और 20 हजार से अधिक एटीएम लगाएंगे।
– योजना के शुभारंभ के दिन खाता खोलने के लिए ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में 60 हजार से अधिक कैंप लगाए जाएंगे।
– इस योजना को लागू करने से 50 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।
– इस खाते को खुलवाने के लिए आधार कार्ड या उसका नंबर, मनरेगा जॉब कार्ड, वेाटर आईडी कार्ड, राशन, ड्राइविंग लाइसेंस, बिजली या टेलफोन बिल, जन्म या विवाह प्रमाण पत्र, सरपंच का लिखा पहचान पत्र और किसी मान्यता प्राप्त संस्था का पहचान पत्र जरूरी है।
– सरकार खाता खुलवाने के बाद लक्षित लोगों को ही सब्सिडी देने पर विचार कर सके गी। इससे आम आदमी को आर्थिक सुरक्षा भी मिलेगी और वह बचत भी करेगा, जिससे सरकार को फायदा मिलेगा।
– यह मिशन दो चरणों में लागू होगा.
पहला चरण 15 अगस्त 2014 से 14 अगस्त 2015 तक होगा.पूरे देश में सभी परिवारों को उचित दूरी के अंदर किसी बैंक की शाखा या निर्धारित प्वाइंट ‘बिजनेस कॉरसपोंडेंट’ के माध्यम से बैंकिंग सुविधाओं की वैश्विक पहुंच उपलब्ध कराना.
रुपे डेबिट कार्ड के साथ कम से कम एक मूल बैंकिंग खाता उपलब्ध कराना.
सभी परिवारों को एक लाख रुपये का दुर्घटना बीमा कवर.
– दूसरा चरण 15 अगस्त 2015 से 14 अगस्त 2018 तक होगा.
लोगों को माइक्रो-बीमा उपलब्ध कराना.
प्रधानमंत्री जन धन योजना योजना की मुख्य बातें –
– हर परिवार में कम से कम दो खाते खुलवाएं जाने की योजना है। यानी कुल 15 करोड़ खाते खोले जाने हैं।
– इस योजना के तहत खाता खुलवाने पर व्यक्ति को 1 लाख रूपए की दुर्घटना बीमा मिलेगी।
– खाता खुलवाने के साथ ही ग्राहक को “रूपे” डेबिट कार्ड की भी सुविधा दी जाएगी।
– इस योजना के तहत आधार कार्ड से खुले खातों में 6 महीने बाद ग्राहक आवदेन देने पर जमा राशि से 5000 रूपए की अधिक राशि निकाल सकेगा।
– इस योजना का पहला चरण अगस्त 2014 में खत्म होगा।
– इस योजना का दूसरा चरण 2015 से 2018 तक चलेगा। उसमें पेंशन योजना “स्वालंबन” की भी सुविधा दी जाएगी।
– इसके पहले चरण में बैंक सात हजार से अधिक शाखाएं खोलेंगे और 20 हजार से अधिक एटीएम लगाएंगे।
– योजना के शुभारंभ के दिन खाता खोलने के लिए ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में 60 हजार से अधिक कैंप लगाए जाएंगे।
– इस योजना को लागू करने से 50 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।
– इस खाते को खुलवाने के लिए आधार कार्ड या उसका नंबर, मनरेगा जॉब कार्ड, वेाटर आईडी कार्ड, राशन, ड्राइविंग लाइसेंस, बिजली या टेलफोन बिल, जन्म या विवाह प्रमाण पत्र, सरपंच का लिखा पहचान पत्र और किसी मान्यता प्राप्त संस्था का पहचान पत्र जरूरी है।
– सरकार खाता खुलवाने के बाद लक्षित लोगों को ही सब्सिडी देने पर विचार कर सके गी। इससे आम आदमी को आर्थिक सुरक्षा भी मिलेगी और वह बचत भी करेगा, जिससे सरकार को फायदा मिलेगा।
– यह मिशन दो चरणों में लागू होगा.
पहला चरण 15 अगस्त 2014 से 14 अगस्त 2015 तक होगा.पूरे देश में सभी परिवारों को उचित दूरी के अंदर किसी बैंक की शाखा या निर्धारित प्वाइंट ‘बिजनेस कॉरसपोंडेंट’ के माध्यम से बैंकिंग सुविधाओं की वैश्विक पहुंच उपलब्ध कराना.
रुपे डेबिट कार्ड के साथ कम से कम एक मूल बैंकिंग खाता उपलब्ध कराना.
सभी परिवारों को एक लाख रुपये का दुर्घटना बीमा कवर.
– दूसरा चरण 15 अगस्त 2015 से 14 अगस्त 2018 तक होगा.
लोगों को माइक्रो-बीमा उपलब्ध कराना.
सांसद आदर्श ग्राम योजना
सांसद आदर्श ग्राम योजना, 2014: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से सांसद आदर्श ग्राम योजना, 2014 की घोषणा की | इस योजना के तहत हर सासंद को अपने क्षेत्र में एक गांव को आदर्श ग्राम बनाया जाएगा और इसका ब्लू प्रिंट 11 अक्तूबर, 2014 को जारी किया जाएगा | संसद आदर्श ग्राम योजना के तहत हर संसदीय क्षेत्र में 2016 तक एक गांव का समग्र विकास किया जाएगा।
मोदी ने लाल किले के प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि अभी तक नेताओं और महापुरुषों के नाम से योजनाएं बनती रही है लेकिन आज वह सांसदों के नाम से एक योजना की घोषणा कर रहे हैं जिसका लक्ष्य देश के गांवों को आर्दश गांव में बदलना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके तहत हर सांसद को अपने चुनाव क्षेत्र में एक गांव को चुनना होगा तथा वहां सभी तरह की सुविधायें उपलब्ध कराकर उसे 2016 तक आदर्श गांव का रूप देना होगा। वर्ष 2019 में आम चुनाव से पहले उन्हें एक और गांव को आदर्श गांव बनाने का काम करना होगा। इसके बाद पांच वर्ष में हर साल एक गांव को आदर्श गांव बनाना होगा। उन्होंने शहरी क्षेत्र के सांसदों तथा राज्यसभा सदस्यों से भी एक-एक गांव का चुनाव करके उसे आदर्श गांव बनाने का आग्रह किया। मोदी ने कहा कि इस योजना की रूपरेखा जल्द ही तैयार की जायेगी और अक्तूबर तक इसे सांसदों के सामने रख दिया जायेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह राज्य सरकारों से भी आग्रह करेंगे कि वे विधायकों से इसी तरह एक एक गांव चुनने के लिये कहें।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना: वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने कहा कि भारत उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं में प्रमुख देश के रूप में उभरा है लेकिन बालिकाओं के प्रति अब भी देश के कई भागों में भेदभाव किया जाता है। इसलिए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना शुरू करने का प्रस्ताव है जिससे महिलाओं के कल्याण के लिए सेवाएं सुलभ और सुगम बनाने में मदद मिलेगी और जनता को बालिकाओं के प्रति जागरूक बनाने में मदद मिलेगी। आज संसद में 2014-15 का आम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने इस योजना के लिए 100 करोड़ रूपए का प्रावधान किया। जेटली ने कहा कि सरकार बालिका और महिलाओं के बारे में लोगों को जागरूक बनाने के लिए विशेष अभियान चलाएगी। स्त्री-पुरूष के बीच भेदभाव दूर करने के लिए स्कूलों के पाठ्यक्रम में विशेष अध्याय शामिल किए जाएंगे।
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