धातु निष्कर्षण, पेट्रोलियम, स्टील, जंग व सीमेंट ग्लास के बारे में जानकारी
प्राकृतिक और अशुद्ध रूप में पाये जाने वाले खनिजों से धातुओं को शुद्ध रूप में प्राप्त करना ‘धातु निष्कर्षण’ कहलाता है | पृथ्वी की ऊपरी परत अर्थात क्रस्ट धात्विक खनिजों का प्रमुख स्रोत है, लेकिन कुछ धात्विक खनिज सागरीय जल में भी मिलते हैं|
धातुएँ प्रायः मिश्रित रूप में पायी जाती हैं, लेकिन कभी-कभी ये मुक्त अवस्था में भी मिलती हैं| प्रकृति में धातुओं के पाये जाने की अवस्था धातु की प्रकृति पर निर्भर करती है | ऐसी धातुएँ जो कम क्रियाशील हैं और ऑक्सीज़न, नमी या अन्य रासायनिक अभिकर्मकों (Reagents) के प्रति कोई बंधुता नहीं दर्शाती हैं, प्रकृति में प्रायः मुक्त या अमिश्रित अवस्था में पायी जाती हैं | लेकिन अधिकतर धातुएँ क्रियाशील होती हैं, इसीलिए मिश्रित अवस्था (जैसे-यौगिक रूप) में पायी जाती हैं |
पृथ्वी पर पाये जाने वाले जिन प्राकृतिक पदार्थों से इन धातुओं की प्राप्ति होती है, उन्हें ‘खनिज’ कहा जाता है | खनिजों का एक निश्चित संघटन होता है, ये एकल यौगिक या जटिल यौगिक के रूप में मिल सकते हैं | ऐसे खनिज जिनसे धातुओं को सुविधाजनक और आर्थिक दृष्टि से लाभदायक तरीके से प्राप्त किया जा सकता है, उन्हें ‘अयस्क’ (Ore) कहते हैं | सभी अयस्क खनिज होते हैं लेकिन सभी खनिज अयस्क नहीं होते हैं | उदाहरण के लिए बॉक्साइट (Al2O3. 2H2O) और क्ले/चीका ((Al2O3.2SiO2.2H2O) दोनों ही एल्युमीनियम के खनिज है, लेकिन एल्युमीनियम का निष्कर्षण बॉक्साइट से किया जाता है न कि चीका से | इसलिए एल्युमीनियम का अयस्क बॉक्साइट है |
पेट्रोलियम
‘पेट्रोलियम’ धरातल के नीचे प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला ज्वलनशील पदार्थ या विभिन्न आण्विक भार वाले हाइड्रोकार्बन का जटिल मिश्रण है | इसे ‘जीवाश्म ईंधन’ भी कहा जाता है क्योंकि इसका निर्माण पृथ्वी के नीचे दबे हुये मृत जैविक पदार्थों पर अत्यधिक ताप व दाब के कारण हुई भूगार्भिक क्रिया से होता है | पेट्रोलियम शब्द में प्राकृतिक रूप से से पाया जाने वाला अप्रसंस्कृत कच्चा तेल व प्रसंस्कृत कच्चे तेल से प्राप्त पेट्रोलियम पदार्थ दोनों ही शामिल हैं |
पेट्रोलियम अनेक हाइड्रोकार्बनों का मिश्रण है, जिनमें एल्केन (रेखीय या शाखित), साइक्लोएल्केन्स, एरोमैटिक हाईड्रोकार्बन या फिर एस्फ़ाल्टेंस जैसे कुछ अधिक जटिल रसायनों के अणु सर्वाधिक पाये जाते हैं | पेट्रोलियम के प्रत्येक प्रकार में अणुओं का एक विशिष्ट मिश्रण पाया जाता है, जोकि उस पेट्रोलियम के रंग और गाढ़ेपन जैसी भौतिक व रासायनिक विशेषताओं को निर्धारित करता है | अधिकतर पेट्रोलियम की प्राप्ति तेल वेधन (Oil Drilling) द्वारा होती है |
स्टील
‘स्टील’ एक मिश्रित धातु है जिसका निर्माण लौह व कुछ अन्य तत्वों, मुख्यतः कार्बन, को मिलाकर किया जाता है | कुछ तत्व, जैसे-कार्बन, मैंगनीज,फॉस्फोरस, सल्फर, सिलिकन और ऑक्सीज़न,नाइट्रोजन व एल्युमीनियम की अल्प मात्रा स्टील में हमेशा पायी जाती है | इसके अलावा कुछ तत्वों, जैसे-निकिल, क्रोमियम, मोलिब्डेनम, बोरॉन, टिटैनियम,वैनेडियम, निओबियम आदि को स्टील के गुणों में बदलाव लाने के लिए इसमें मिलाया जाता है |
जंग लगना
लोहे से बनी किसी वस्तु को जब किसी नमी वाले स्थान में कुछ दिन रख दिया जाता है तो इन वस्तु पर कत्थई (Brown) रंग की एक परत सी जम जाती है, जिसे ‘जंग लगना’ कहते हैं। जंग वास्तव में लोहे का ऑक्साइड है, क्योंकि जब लोहे के परमाणु ऑक्सीजन से संयोग (Combine) करते हैं तो लोहे का ऑक्साइड बनता है। लोहे के परमाणुओं का ऑक्सीजन से मिलना ‘ऑक्सीकरण’ (Oxidation) कहलाता है। लोहे पर जंग लगने के लिए ऑक्सीजन और नमी का उपस्थित होना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि शुष्क स्थान पर लोहा ऑक्सीजन से संयोग नहीं कर पाता है। जब लोहे की किसी वस्तु पर जंग लगनी शुरू हो जाती है तो धीरे-धीरे वह उस वस्तु की सारी सतह पर फैल जाती है। जंग पानी को सोखता है और यह पानी उस वस्तु के दूसरे हिस्सों के परमाणुओं को ऑक्साइड बनने में मदद करता है।
सीमेंट ग्लास
यह एक बंधनकारी मिश्रण है, जिसका प्रयोग काँच/ग्लास के साथ काँच/ग्लास को या अन्य तत्वों(जैसे धातु) को जोड़ने के लिए लिए किया जाता है |
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