Samanya Gyan,
एक बार एक कुत्ते और गधे के बीच शर्तलगी की जो की जो जल्दी दौड़ते हुए दो
गांव आगे रखे एक सिंहासन पर बैठेगा
वही उस सिंहासन का अधिकारी माना जाएगा
और राज करेंगा.....
जैसा की निश्चित हुआ था , दौड़ शुरू हुई .
कुत्ते को पूरा विश्वास था की मै ही जीतूंगा .
क्योकि जाहिर है इस गधे से तो मै तेज ही दौडूंगा
पर आगे किस्मत में क्या लिखा है ये कुत्ते को मालूम
ही नही था .............>?
(शर्त शुरू हुई )
कुत्ता तेजी से दौड़ने लगा पर थोड़ा ही आगे गया न गया था की अगली
गली के कुत्ते ने उसे लपकना,नोचना ,भौकना शुरू किया
और ऐसा हर गली, हर चौराहे पर होता रहा
जैसे तैसे कुत्ता हाँफते हांफते सिंहासन के पास पंहुचा..
तो देखता क्या है की गधा पहले से ही सिंहासन पर विराजमान है
...तो क्या !!
गधा उसके पहले ही वहाँ पहुंच चुका था ??
और शर्त जीत कर वह राजा बन चुका था ..
(और ये देखकर )
निराश हो चुका कुत्ता बोल पड़ा ...
{ अगर मेरे ही लोगो ने मुझे आज पीछे न खींचा होता तो
आज ये गधा इस सिंहासन पर न बैठा होता }
####### [@ तात्पर्य @]##########
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१. आपने लोगो को कांफिडेंस में लो...!
२. अपनो को आगे बढ़ने का मौका दो...!
३. नही तो कल हम पर बाहरी गधा राज करेंगा ..!
४.
पक्का विचार और आत्म परिक्षण करो
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