आण्विक खनिज नवीन एवं महत्वपूर्ण ऊर्जा स्रोत हैं, जिनके प्रयोग द्वारा आण्विक ऊर्जा प्राप्त की जा सकती है| परमाणु ऊर्जा प्लांटों में आण्विक खनिजों से आण्विक ऊर्जा का उत्पादन किया जाता है| हल्के होने के कारण आण्विक खनिजों को परमाणु ऊर्जा प्लांटों तक आसानी से पहुंचाया जा सकता है| इसलिए इनके द्वारा विकेंद्रित रूप से ऊर्जा को उत्पादित किया जा सकता है|
परमाणु ऊर्जा प्लांट
वर्तमान में आण्विक ऊर्जा को जीवाश्म ईंधनों से प्राप्त होने वाली ऊर्जा के विकल्प के रूप में देखा जाता है| आण्विक खनिजों की छोटी सी मात्रा भी अत्यधिक ऊर्जा का उत्पादन कर सकती है| यूरेनियम, थोरियम, बेरीलियम, जिरकन, एंटीमनी और ग्रेफ़ाइट महत्वपूर्ण आण्विक खनिज हैं| इस सभी खनिजों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण आण्विक खनिज यूरेनियम व थोरियम हैं| यूरेनियम की प्राप्ति प्रत्यक्षतः खनन द्वारा होता है लेकिन थोरियम की प्राप्ति प्रत्यक्ष रूप से न होकर मोनाजाइट बालू से प्राप्त से होती है|
भारत में आण्विक खनिज
• यूरेनियम: यह झारखंड के सिंहभूम और हजारीबाग जिले, बिहार के गया जिले और उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले की अवसादी चट्टानों में मिलता हैं| यूरेनियम का सबसे बड़ा स्रोत मोनाजाइट बालू है| कुछ मात्रा में यूरेनियम का उत्पादन उदयपुर (राजस्थान) की तांबे व जस्ते की खानों से भी होता है| भारत सरकार के आण्विक ऊर्जा विभाग के अनुसार भारत में 31,000 टन यूरेनियम का भंडार है|
• थोरियम: इसे मोनाजाइट से प्राप्त किया जाता है | इसका उत्पादन केरल, बिहार, तमिलनाडु, राजस्थान और झारखंड में होता है| मोनाजाइट बालू सर्वाधिक मात्रा में केरल राज्य के तटीय इलाकों में पायी जाती है|
• बेरीलियम: राजस्थान, झारखंड, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु राज्यों में इसके भंडार पाये जाते हैं|
• जिरकन: यह मुख्य रूप से केरल के तटीय इलाकों में पाया जाता है
• एंटीमनी: यह हिमाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश में पाया जाता है|
• ग्रेफ़ाइट: ग्रेफ़ाइट का प्रमुख उत्पादक ओडिशा है और तमिलनाडु के रामनाथपुरम में इसके वृहद भंडार पाये जाते हैं| इसके अलावा झारखंड, राजस्थान और आंध्र प्रदेश में इसके भंडार पाये जाते हैं|
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