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1- उत्खनन में लोथल से हाथी दाँत निर्मित एक पैमाना प्राप्त हुआ है। जिसका प्रयोग लम्बाई नापने के लिये किया जाता होगा।
2- सिन्धुवासियों को लोहे का ज्ञान नहीं था। कृष्ण अयस लोहे को कहा जाता था।
3- सिन्धु सभ्यता में नीले रंग का साक्ष्य कहीं नहीं था।
4- कपास की सर्वप्रथम खेती सिन्धु निवासियों ने की थी। अत: यूनानियों ने उसे सिन्डन नाम दिया था।
5- हड़प्पा की अर्थव्यवस्था का मूल आधार कृषि था।
6- सम्भवत: 'स्वास्तिक' चिन्ह हड़प्पा सभ्यता की देन है।
7- हड़प्पा सभ्यता काँस्य युगीन सभ्यता है।
8- सैन्धव लोगों को अश्व की जानकारी नहीं थी।
9- 1935 ई.में चन्हूदड़ों नामक नगर की खुदाई अर्नेस्ट मैके के नेतृत्व में की गई।
10- अग्निकूण्ड लोथल एवं कालीबंगा से प्राप्त हुए थे।
11- मौर्य साम्राज्य के नगरीय प्रशासन में एक मण्डल होता था, जिसमें 30 सदस्य होते थे, मण्डल समितियों में विभाजित था, समितियों की संख्या क्या थी। उत्तर :-छ:
12- मौर्योत्तार काल में अधिकांश शिल्पी किस जाति के थे। उत्तर :-शूद्र जाति के
13- ऋग्वैदकाल में 'ईशान' नाम से सम्बोधित किया जाता था। उत्तर :- समिति के सभापति का
14- गुप्तवंश का वह कौन शासक था, जिसने अपनी पुत्री का विवाह वाकाटक के शासक रूद्रसेन से किया था। उत्तर :-चन्द्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य
15- सल्तनत काल में स्वतन्त्र कृषि विभाग की स्थापना किस सुल्तान ने की थी। उत्तर :- मुहम्मद तुगलक
16- विजय नगर साम्राज्य का तुलुववंशीय शासक कृष्णदेव राय ने किस प्रसिध्द ग्रन्थ की रचना की थी। उत्तर :- अमुक्त माल्यद
17- अकबर ने जजिया नामक कर (गैर मुस्लिम जनता से व्यक्ति कर के रूप में वसूला जाता था) किस वर्ष बाद बन्द करवाया। उत्तर :- 1564 ई. में
18- मुगलकाल में धार्मिक प्रवृति के व्यक्ति की अनुदान के रूप में दी जाने वाली भूमि को कहा जाता था। उत्तर :- मदद-ए-माश
19- जहाँगीर ने किस चित्रकार को 'नादिर-अल-उस' की उपाधि दी थी। उत्तर :-उस्ताद मंसुर को (यह दुर्लभ पशुओं एवं विरले पक्षियों तथा अनोखे पुष्पों का चित्रकार था)
20- मोहम्मद सालेह द्वारा रचित किस ग्रन्थ में शाहजहाँ के अन्तिम दो वर्षो की जानकारी मिलती है। उत्तर :- अमल-ए-सालेह
21- ऋग्वेद में मछली का नाम नहीं मिलता है।
22- बैदिक लोगों ने सर्वप्रथम तांबे का प्रयोग किया था।
23- ऋग्वेद में केवल एक ही धातु अयस का वर्णन है। सम्भवत: यह कांसा था।
24- ऋग्वेद में सर्वाधिक स्तुति इन्द्र की हुई है।
25- ऋग्वेद के दो ब्राहम्ण है। ऐतरेय एवं कौशीतकी।
26- दिल्ली तथा दोआब का उत्तारी भाग कुरूदेश कहलाता है।
27- यजुर्वेद का प्रमुख देवता प्रजापती है।
28- तीन आश्रमों का वर्णन हमें दान्दोग्य उपनिषद में मिलता है। चारों आश्रमों का सर्वप्रथम विवरण जबाला उपनिषद में मिलता है।
29- महात्मा बुध्द को तथागत तथा शक्य मुनि के नाम से भी जाना जाता है।
30- महात्मा बुध्द का प्रथम उपदेश धर्म चाक्रप्रवर्तन कहलाता है।
31- कैवल्य वह पूर्ण ज्ञान है जो निर्ग्रन्थों को प्राप्त होता है।
32- जैन धर्म में वर्णित त्रिरत्न 1 सम्यक श्रध्दा 2 सम्यक ज्ञान 3 सम्यक आचरण है।
33- महावीर स्वामी का प्रथम सहयोगी गोशाल था।
34- जैन धर्म के ग्रन्थ प्राकृत भाषा में लिखे गये है।
35- द्रविड़ वैष्णव भक्त आलावर कहलाते थे।
36- जूनागढ़ स्थित सुदर्शन झील का निर्माण चन्द्रगुप्त मौर्य ने करवाया था।
37- पुराणों की कुल संख्या अठारह मानी गई है।
38- सिकन्दर के आक्रमण के समय मगध का शासन धननन्द के हाथों में था।
39- अशोक को बौध्द धर्म में दीक्षित करने का श्रेय बौध्द भिक्षु उपगुप्त को प्राप्त है।
40- अशोक के अधिकतर शिलालेखों की लिपि ब्राहम्ी है। परन्तु अपवादस्वरूप अभिलेख भी है, उदारणतया शहबाजगाढ़ी-खरोष्ठि, मानससेहरा-खरोष्ठि, गान्धार-यूनानी।
41- प्राचीन काल में प्रमुख शिक्षा केन्द्र नालन्दा के अवशेष बिहार राज्य में मिले है।
42- महाभारत के भीष्म पर्व में सर्वप्रथम भागवत धर्म का उल्लेख किया गया है।
43- महात्मा बुध्द को महानिर्वाण कुशीनगर में प्राप्त हुआ था।
44- बौध्द साहित्य मुख्य रूप से पाली भाषा में लिखा गया है।
45- अजन्ता की गुफांए महाराष्ट्र में स्थित है।
46- लोथल में ईटों से बना पक्का नौका घाट मिला है, खम्भात की खाड़ी से नहर द्वारा जुड़ा हुआ था।ण्
47- महाबलीपुरम के रथ मन्दिरों का निर्माण नहरसिंह वर्मन प्रथम ने करवाया था।
48- प्राचीन काल में पूर्वी तट पर स्थित ताम्रलिपि नामक बन्दरगाह से सुमात्रा जावा चीन आदी से व्यापार होता था।
49- आगरा नगर की स्थापना सिकन्दर लोदी ने की थी।
50- अयुर्वेद का विद्वान एवं चिकित्सक धन्वंतरि चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य के दरबार में था।
51- याज्ञवल्क्य ने सर्वप्रथम स्त्रियों के सम्पत्तिा सम्बन्धी अधिकारों की वकालत की थी।
52- बृहस्पति एवं नारद ने कन्या को पुत्र के समान माना था।
53- विजय नगर राज्य में क्षत्रिय वर्ग नहीं था।
54- कालिकट विजय नगर का प्रमुख बन्दरगाह था।
55- मध्य एशिया और चीन में धर्म प्रचार का श्रेय कनिष्क को था।
56- कनिष्क के सिक्कों पर बौध्द चिन्ह अंकित था।
57- कुषाण राजाओं को देवपुत्र कहा गया है।
58- नालन्दा विश्वविद्यालय की स्थापना कुमारगुप्त ने की थी। इस विश्वविद्यालय को ऑक्सफोर्ड ऑफ महायान बौध्द कहा जाता है। इस विश्वविद्यालय को 12 वीं शताब्दी में मुहम्मद गौरी के सेनापति मुहम्मद बिन बख्तियार खिलजी ने नष्ट कर दिया था।
59- खिलजी शासक अफगान न हो कर तुर्क थे।
60- इक्ता भूमि का वह डुकड़ा था, जो राजकीय अधिकारियों को उनके नकद वेतन के एवज में दिया जाता था। इस भुमि से हाने वाली आय उस अधिकारी के वेतन के बराबर होती थी।
61- खालसा भूमि का सुल्तान की भूमि को कहते थे। उससे होने वाली आय सुल्तान के लिये सुरक्षित थी।
62- सिकन्दर लोदी ने अपनी राजधानी दिल्ली से हटाकर आगरा को बना ली थी।
63- अलाउद्दीन प्रथम दिल्ली सुल्तान था जिसने भूमि कर के निर्धारण के लिये भूमि की माप प्रारम्भ की।
64- अलाउद्दीन प्रथम दिल्ली सुल्तान था जिसने प्रशासनिक एवं राजनैतिक मामलों में उलमाओं की उपेक्षा की।
65- मंगोलों का नेता चंगेज खाँ स्वयं को ईश्वर का अभिशाप कहता था।
66- अनेक विजयों को प्राप्त कर अलाउद्दीन खिलजी ने सिकन्दर द्वितीय की उपाधि ग्रहण की।
67- जियाउद्दीन बरनी ने फतवा-ए-जहाँदारी तथा तारीख-ए-फिरोजशाही नामक ग्रन्थों की रचना फिरोज शाह तुगलक के काल में की थी।
68- कुरान के नियमानुसार फिरोज शाह तुगलक ने केवल चार कर - खराज,खम्स ,जजिया और जकात लागू किये थे।
69- बलबन प्रथम सुल्तान था। जिसने पृथक सैन्य विभाग की स्थापना की थी।
70- जौहर का विवरण प्रथम विवरण अमीर खुसरो ने 1301 ई. में दिया है।
71- सिक्खों के पांचवें गुरू अर्जुन देव ने गुरू ग्रन्थ साहिब के संकलन में गुरू नानक की रचनाओं को व्यवस्थित रूप प्रदान किया था।
72- बाबर ने भारत में तुलुगुमा युध्द पध्दिति का प्रयोग किया था।
73- बाबर ने चन्देरी के युध्द को जिहाद घोषित किया और युध्द के बाद राजपूतों के सिरों की मीनार बनवायी ।
74- पानीपत के युध्द में बाबर ने प्रथम बार तोपखने का प्रयोग किया था।
75- बाबर की पुत्री गुलबदन बेगम ने हुमायूँनामा में बाबर की विशेषताओं का वर्णन किया है।
76- बाबर ने तुर्की भाषा में अपनी आत्मकथा तुजुके बाबरी लिखी थी।
77- 1562 ई. में अकबर ने दास प्रथा को समाप्त कर दिया था।
78- अकबर ने दीन-ए-ईलाही धर्म चलाया था।
79- अकबर ने फतेहपुर सीकरी में इबादतखाना बनवाया जहां प्रत्येक गुरूवार को धार्मिक विषयों पर विचार विर्मिश किया जाता था।
80- अकबर में मुजफ्फरखां को प्रथम वजीर नियुक्त किया था।
81- मुगल काल में जात का तात्पर्य सैनिकों की उस निश्चित संख्या से था जो मनसबदारों को अपने यहां रखनी पड़ता थी।
82- अकबर के शासन काल में इब्राहिम सरहिन्दी ने अथर्ववेद का फारसी में अनुवाद किया तथा अबुल फजल ने पंचतत्रं का फारसी में अनुवाद किया था।
83- मुगल काल में परगने की मालगुजारी वसूल करने वाले को आमिल कहते थे।
84- अकबर के शासन काल की पहली इमारत दिल्ली स्थित हुमायुँ का मकबरा थी जो उसकी सौतेली मां हाजी बेगम की देखरेख में बना था।
85- अकबर की भूराजस्व व्यवस्था का प्रमुख प्रवर्तक टोडरमल था जो शेरशाह सूरी के भूमि सुधारों का भी प्रर्वतक था।
86- जहांगीर ने अपने सिक्कों पर अपनी आकृति अंकित करवाई।
87- रज्मनामा महाभारत का फारसी अनुवाद था जो नकीब खां बदायूंनी तथा फौजी ने किया था।
88- औरंगजैब के दरबार में संगीत पर प्रतिबन्ध लगा देने के बावजूद संगीत पर सबसे अधिक पुस्तकें उसी के काल में लिखी गयी।
89- अंग्रेज राजदूत सर टामसरो जहांगीर के शासन काल में भारत आया।
90- औरंगजेब ने हिन्दुआें पर पुन: जजिया कर लगाया।
91- हुमायुं के मकबरे का निर्माण करने वाला प्रधान कारीगर ईरान निवासी मीरक मिर्जा ग्यास था।
92- अरजुमन्द बानो बेगम को मलिक -ए-जमानी की उपाधि प्रदान की गई थी।
93- 1608 ई. में कप्तान हाकिन्स के नेतृत्व मे प्रथम अंग्रेजी जहाज भारत पहुंचा।
94- 1717 ई. में मुगल सम्राट फार्रूखसियर ने एक फरमान द्वारा अंग्रेजों को भारत में व्यापारिक अधिकार दिये।
95- अकबर ने 1580 ई. में भू-राजस्व निर्धिरित करने के लिये दहशाला प्रणाली आरम्भ की थी।
96- नलदमयन्ती तथा लीलावती का संस्कत से फारसी अनुवाद फौजी ने किया।
97- शिवाजी मराठी को राज भाषा बनाया।
98- फार्रूखसियर की मृत्यु के बाद 1719 ई. जजिया पुन: हटा दिया गया।
99- जाट नेता सूरजमल को उसकी सूक्ष्म बुध्दि तथा चतुराई के कारण जाटों का अफलातून कहा जाता है।
100- नील दर्पण दीनबन्धु मित्र द्वारा लिखा गया जिसमें नील की खेती करने वाले कृषकों की दयनीय दशा का वर्णन है।
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