Indian History, History Gk In Hindi
मुगल काल: मध्यकालीन भारतीय इतिहास में सल्तनत काल की तुलना में मुगलों का ऐतिहासिक उपलब्धियों की दृष्टि से अधिक महत्व है | पूर्ववर्ती तुर्कों की अपेक्षा मुगल प्रभावशाली तरीके से राज्य को नियंत्रित करके कानून व्यवस्था, शांति और विकास की अधिक प्रभावशाली नीतियां लागू कर सके |
मुगल शब्द ‘मंगोल’ से बना है| किंतु मुगल चगताई तुर्क थे | मुगल वंश के संस्थापक मोहम्मद बाबर फरगना राज्य के उमर शेख मिर्ज़ा के उत्तराधिकारी थे | फरगना क्षेत्र आज ताशकंद वाला क्षेत्र है | बाबर की पैतृक उपाधि ‘मिर्जा’ थी | बाबर का सपना समरकंद पर कब्जा था जो तैमूर की राजधानी रही थी किंतु अंतिम रूप से बाबर इस में सफल नहीं रहा| उजबेग नेता शैवानिखां से सर-ए-पूल(1502) के युद्ध में हारकर बाबर अफगानिस्तान की ओर बढ़ा तथा 1504 में काबुल पर अधिकार कर लिया |
पानीपत के प्रथम युद्ध(21 अप्रैल 1526) में इब्राहिम लोदी को हराकर बाबर ने भारत में मुगल वंश की स्थापना की| बाबर द्वारा स्थापित मुगल राज्य अकबर के पूर्व तक युद्धरत राज्य था| हुमायूं के काल में शेर शाह सूरी के नेतृत्व में अफगानों द्वारा मुगलों के अस्तित्व को समाप्त कर दिया गया| बाबर द्वारा जो सत्ता स्थापित की गई वह चौसा का युद्ध 1539 और कन्नौज का युद्ध 1540 शेरशाह सूरी द्वारा उसे छीन ली गई | आगे चलकर 22 जून 1555 को सरहिंद युद्ध से पुन: हुमायूं शासक बना | पानीपत के द्वितीय युद्ध(5 नवंबर,1556)द्वारा हेमू को हराकर अकबर ने वास्तविक रूप से मुगल वंश की नींव डाली |
खानवा का युद्ध 16 मार्च 1527 में बाबर(विजयी) एवं राणा सांगा के मध्य हुआ|
चंदेरी का युद्ध 29 जनवरी 1528 में बाबर(विजयी) एवं मेदिनी राय के मध्य हुआ|
घाघरा का युद्ध 5 मई 1529 में बाबर(विजयी) एवं बंगाल के अफगानों के बीच हुआ|
कलंदर बाबर की उपाधि थी|
तोपखाने का पहली बार भारत में प्रयोग करने वाला बाबर ही था|
बाबर ने युद्ध में तुलगमा युद्ध पद्धति का प्रयोग किया|
बाबर के प्रसिद्ध तोप चलाने वाले उस्ताद अली एवं मुस्तफा थे|
खानवा युद्ध के समय बाबर ने गाजी की उपाधि धारण की|
युद्ध में बाबर मध्य भाग का नेतृत्व करता तथा हुमायूं दाहिने भाग का|
बाबर की आत्मकथा बाबरनामा तुर्की भाषा का एक ऐतिहासिक ग्रंथ है|
बाबर ने मुंबईयान शैली विकसित की तथा काव्य संग्रह दीवान का संकलन किया|
बाबर ने सड़क नापने के लिए गज-ए-बाबरी के साथ बाग लगाने की परंपरा भी शुरू की|
बाबर की आगरा स्थित मक़बरे से उसकी अस्थियों को बाद में काबुल ले जाया गया|
बाबर के चार पुत्रों हुमायूं, कामरान, असकरी, हिंदाल में सबसे बड़ा हुमायूं था|
हुमायूं का शासनकाल (1530-1556)
हुमायूं जीवन भर संघर्षरत रहा| लेनपूल ने हिमायू के बारे में कहा कि- “वह जीवन भर लड़खड़ाता रहा और लड़खड़ाते-लड़खड़ाते उसकी मृत्यु हो गई|” हिमायू का व्यक्तित्व रोचक एवं उतार चढ़ाव भरा रहा| अबुल फजल ने इसे इंसान-ए-कामिल की उपाधि दी| हुमायु के शासनकाल(1530 से 1556) 15 वर्ष निर्वाचन के तथा इसी दौरान ईरान के शाह तहमास्प की सहायता से पुन: खोए हुए भारत का प्राप्त करना रहा| सैनिक प्रतिभा की दृष्टि से योग्य हिमायू की असफलता का कारण इतिहासकारों ने उसकी उदारता पूर्ण व्यक्तिगत दुर्बलता को माना है जिसके कारण उसने अपने साम्राज्य का विभाजन (कमरान को काबुल, कंधार, असकरी को संभल, हिंदाल को अलवर किया| हुमायूं का पहला अभियान 1531 में कालिंजर के प्रताप रुद्रदेव के विरुद्ध था| तथा इसका अंतिम अभियान अफगानों के विरुद्ध सरहिंद(22 जून 1555) था| हुमायूं का द्वितीय शासनकाल छः माह रहा|
मुगलकाल हुमायू से IAS, PCS and SSC Exam में पूछे गए प्रश्न
हुमायूं ने निर्वासन की अवधि में हमीदाबानो से विवाह किया|
चौसा के युद्ध में नदी में कूद जाने पर निजाम नाम के भीति ने हुमायु की सहायता की|
पुस्तकालय की सीढ़ियों से गिर कर 24 जनवरी 1556 को हुमायु की मृत्यु हो गई|
हुमायूं ने दिल्ली में दीनपनाह नामक नगर की स्थापना कराई|
दिल्ली में स्थित हुमायूं का मक़बरा उसकी पत्नी हाजी बेगम ने बनवाया|
मुगल चित्रकला की नींव हुमायूं के शासनकाल में पड़ी|
शेरशाह का शासनकाल
शेरशाह के बचपन का नाम फरीद था| बहारखां लोहानी ने उसे एक शेर मारने के कारण शेर खान की उपाधि दी| बाबर की सेना में सैनिक रहा शेरशाह ने एक बार कहा था कि यदि भाग्य ने मेरा साथ दिया तब मैं सरलता से मुगलों को भारत से बाहर कर दूंगा| यह सत्य सिद्ध हुआ चौसा के युद्ध 1539 तथा कन्नौज के युद्ध 1540 में हुमायूं को हराकर कुछ वर्षों के लिए भारत में मुगल वंश को नष्ट कर दिया| शेरशाह ने नया सिक्का रुपया(180 ग्रेन चांदी) चलाया| दिल्ली में दीनपनाह के क्षेत्र में पुराना किला बनवाया| G.T रोड, सासाराम का मकबरा तथा अनेक सरायो(कुआ) का निर्माण कराया| इतिहास में शेरशाह की प्रसिद्धि प्रशासनिक सुधार हेतु है| रैयतवाड़ी शेरशाह के लगान प्रणाली की विशेषता है| अब्बास खान शेरवानी की पुस्तक तारीख-ए-शेरशाही इस विषय पर प्रमाणिक ग्रंथ है|
“मध्यकालीन भारतीय इतिहास” मुगलों का राजपाट तुर्कों की तुलना में अधिक स्थायित्व पूर्ण एवं कल्याणकारी रहा| मुगलों में सबसे बड़े साम्राज्य का निर्माता औरंगजेब(उपाधि-आलमगीर) था| मुगल शासको में अकबर(बदरुद्दीन, जलालुद्दीन) द्वारा राजपूत नीति, मनसबदारी प्रणाली, उदार धार्मिक नीति, दासप्रथा(1562), तीर्थयात्रा कर(1563),जजिया(1564) समाप्ति द्वारा प्रजा में लोकप्रियता हासिल की|
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